रायपुर. छत्तीसगढ़ में बच्चों, महिलाओं और आदिवासी विकास पर सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए, यूनिसेफ और एमिटी विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ (एयूसी), ने  मंगलवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किये। यह सेण्टर छत्तीसगढ़ में बाल स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, साफ़ पानी, स्वच्छता में सुधार और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने और संस्थानों-कर्मियों की क्षमता निर्माण करने में मदद करेगा।
यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख  जॉब ज़करिया ने कहा कि एमिटी यूनिवर्सिटी के साथ इस साझेदारी से हमें नवाचारों, इन्क्यूबेशन सेंटर्स, स्टार्ट-अप और बिग डेटा एनालिटिक्स के ज़रिये चुनौतियों का समाधान करने और लोगों के जीवन में,खासकर आदिवासी क्षेत्रों में, सकारात्मक बदलाव लाने में मदद मिलेगी। इस साझेदारी के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यक्रमों की योजना और निगरानी में सहायता प्रदान की जाएगी। सबसे पहले, राज्य के हर ग्रामीण घर में नल कनेक्शन के ज़रिये जल आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु शुरू किये गए जल जीवन मिशन की निगरानी में छत्तीसगढ़ शासन की मदद की जाएगी। एमओयू के तहत युवा सशक्तिकरण और युवाओं के कौशल विकास के क्षेत्र में भी प्रयास किये जाएंगे।
एमिटी विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के कुलपति डॉ राजेंद्र कुमार पांडे ने कहा कि विश्वविद्यालय मध्य भारत में नवाचार, ज्ञान और सीखने का एक प्रमुख केंद्र है। उन्होंने कहा, यूनिसेफ के साथ समझौता ज्ञापन के तहत हम छत्तीसगढ़ में अनुसंधान, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और साक्ष्य निर्माण की जरूरतों को पूरा करेंगे। इस कार्यक्रम में एमिटी बिजनेस स्कूल की निदेशक डॉ सुमिता दवे और यूनिसेफ विशेषज्ञ श्वेता पटनायक सहित  अन्य लोग उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here