बिलासपुर। “उन आंखों का गुमान क्या जो किसी के काम न आये,चलो अपनी आंखों से किसी को जग सारा दिखाएं।”

इसी भावना से बिलासपुर की समाज सेवी संस्था हैंड्स ग्रुप द्वारा अनवरत चलाया जा रहा नेत्रदान अभियान एक पायदान और आगे बढ़ा। युवा नरेन्द्र फोटानी के आकस्मिक निधन के बाद उनकी आंखों को दो नेत्रहीनों में प्रत्यारोपित कर दिया गया है। हैंड्स ग्रुप के प्रयासों से यह 237वां नेत्रदान था।

स्व. गोवर्धन दास फोटानी के पुत्र नरेन्द्र फोटानी का 35 वर्ष की अल्पायु में गुरुवार को निधन हो गया। नरेन्द्र के भाई शैलेन्द्र फोटानी और उनके परिजनों ने इस विपदा की घड़ी में चिता पर जलकर राख हो जाने वाली आंखों से दो अंधेरे जीवन में रोशनी भरने का अनुकरणीय फैसला लिया।

हैंड्स ग्रुप के प्रयासों से डॉ. धर्मेन्द्र और सिम्स हॉस्पिटल की टीम ने सूचना मिलने पर अन्य व्यस्तता को छोड़कर नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी कराई और मानवता की मिसाल दी। हैंड्स ग्रुप से सुनील तोलानी, विकास जीवनानी ने नेत्र को सुरक्षित सिम्स पहुंचाने का कार्य किया।

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