बिलासपुर।दूल्हे की ज़िद ने काम किया और उसके पिता की तमन्ना पूरी हुई। गांव में हेलीकॉप्टर उतर गया। दुल्हन को लाने के लिए उसे हेलीकॉप्टर नहीं मिला था लेकिन आज न केवल उसे ससुराल छोड़ने गया, बल्कि वापस लेकर भी लौटा।

करगीरोड कोटा के लटिया गांव से आज दोपहर 1 बजकर 55 मिनट पर अस्थायी हेलीपैड पर हैदराबाद की एक प्राइवेट कम्पनी की ओर से भेजा गया हेलिकॉप्टर उतरा। शाम 4 बजे हेलिकॉप्टर वापस इसी जगह पर लैंड कर गया।

लटिया गांव के रामेश्वर की बारात कल हेलिकॉप्टर से लोरमी इलाके के पेंड्री तालाब में जाने वाली थी, पर किसी ववजह से वह कल नहीं आ पाई। इसके बाद दूल्हे ने कृष्ण भगवान का वेश धारण किया और बंशी बजाते हुए दुल्हन को लेने बारात लेकर निकल गया था। रात में ही वह दुल्हन को ब्याह कर ले आया था। दूल्हे के परिवार वालों ने कल ही इंतजाम किया था कि वह बारात लेकर अपने ससुराल लोरमी हेलिकॉप्टर पर जाएगा, पर कई तकनीकी दिक्कतों की वजह से हेलिकॉप्टर ने यहां पर लैंड ही नहीं किया। कल उसकी बरात रथ पर निकली वह भी कम अनोखी नहीं थी। दूल्हे ने कृष्ण का रूप धरा था और उनके साथी बाराती ग्वाले बने थे। बारात गई और ब्याह कर आज सुबह लोरमी के पेन्ड्री तालाब से गांव लिटिया वापस आ गई। इसी बीच सुबह यादव परिवार को सूचना मिली कि हेलीकॉप्टर को तकनीकी अनुमति मिल गई है। जिला प्रशासन बिलासपुर की ओर से कल भी नहीं थी, आज भी कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन एविएशन डिपार्टमेंट में मंजूरी नहीं दी थी। आज यह मंजूरी मिल चुकी है। आज हेलिकॉप्टर भेज सकते हैं। हेलिकॉप्टर सुबह 9 बजे से आकर खड़ी थी, पर दूल्हा और दुल्हन दोपहर 1:55 बजे दूल्हा दुल्हन को लेकर वह पेंड्री तालाब गांव पहुंची। दोनों ही जगह बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे हुए थे। ससुराल में विदाई की रस्म पूरी करने के बाद दूल्हे ने फिर हेलिकॉप्टर पर बिठाया और उसे वापस ससुराल ले आया।

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