बिलासपुर, 6 जुलाई। ठेकेदार ने जल संसाधन विभाग में निर्माण कार्य करने के लिए फर्जी तरीके से टीडीआर भरकर जमा किया था। खुलासा होने पर विभाग ने ठेकेदार के खिलाफ कोरबा सिटी कोतवाली धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया। ठेकेदार ने 34.66 लाख का टीडीआर जमा किया था।
सिंचाई कॉलोनी कोरबा निवासी प्रशांत गुप्ता कोरबा स्थित कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग संभाग कार्यालय में सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी है। उसने पुलिस में शिकायत की कि बीते सितंबर माह में कोरबा विकासखंड के ग्राम परसाखोला में व्यपवर्तन योजना के तहत निर्माण कार्य के लिए टेंडर निकला था। यह ठेका 254.87 लाख का था। इसके लिए 9 ठेकेदारों ने फार्म भरा था। लेकिन यह ठेका 1.94 करोड़ में सरगुजा के बलरामपुर निवासी व वर्तमान में विजयापुरम् सरकंडा बिलासपुर में रहने वाले ठेकेदार अजय कुमार सिंह को मिला। इस ठेके के बाद उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा निधि के रूप में 34.66 लाख रुपये जमा करने थे। इसके लिए उसने एसबीआई मुख्य ब्रांच बिलासपुर से 29 सितंबर को 34,66,200 रुपये का टीडीआर बनाकर विभाग के पास जमा किया, लेकिन बाद में विभाग को जानकारी मिली कि उनके पास टीडीआर की राशि नहीं पहुंची। इसकी जांच हुई तो मालूम चला कि ठेकेदार अजय कुमार सिंह ने फर्जीवाड़ा किया है।
विभाग को जब इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिली तो उसने ठेकेदार अजय कुमार सिंह से पत्राचार किया और इससे जुड़ी जानकारी मांगी। लेकिन ठेकेदार के द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया, जिसके बाद विभाग को पुलिस के पास जाना पड़ा। विभाग की मानें तो अतिरिक्त सुरक्षा निधि के खारिज हो जाने की वजह से परसाखोला में होने वाला व्यपवर्तन योजना को लेकर निर्माण कार्य बाधित हो गया है। बैंक ने विभाग को बताया कि उनकी एफडी शाखा में सीबीएस प्रभावी ही नहीं है और ठेकेदार ने छेड़छाड़ करके टीडीआर बनाकर विभाग को दे दिया था।

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