137 करोड़ रुपये की लागत के 102 कार्यों का लोकार्पण

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जशपुर के रणजीता स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में जिले को 792 करोड़ रुपये 86 लाख रुपये की लागत के 196 विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने इनमें से 655 करोड़ 77 लाख रुपये की लागत के 94 कार्यों का भूमिपूजन और 137 करोड़ रुपये की लागत के 102 कार्यों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लालजीत सिंह राठिया, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष उत्तरी गनपत जांगड़े, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, विधायक जशपुर विनय भगत, रायगढ विधायक प्रकाश नायक, लैलूंगा विधायक चक्रधर सिदार सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में प्रबुद्व नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले में 568 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से बनने वाली 64 सड़कों के लिए भूमि पूजन किया। इनमें से लोक निर्माण विभाग द्वारा 359 करोड़ 63 लाख रुपये की लागत से बनाई जाने वाली 32 सड़कों के कार्य, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 205 करोड़ 65 लाख रुपये की लागत से बनने वाली 28 सड़कें और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 3 करोड़ 52 लाख रुपये की लागत से बनने वाली 4 सड़कें शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में 38 करोड़ 28 लाख रुपये की लागत से पूर्ण हो चुके सड़कों के 40 कार्यों का लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री ने वनांचल के इस जिले में क्रेडा द्वारा लगभग 62 करोड़ 68 लाख रुपये की लागत से पूर्ण किए गए सोलर सिंचाई पम्पों, सोलर होम लाईट और सोलर प्लांट स्थापना के पूर्ण हो चुके कार्यों का लोकार्पण किया। इनमें 1 करोड़ 15 लाख रुपये की लागत से जशुपर बगीचा और पत्थलगांव के न्यायालय एवं व्यवहार न्यायालय में स्थापित किए गए 4 सोलर पॉवर प्लांट स्थापना का कार्य शामिल है।
बघेल ने जशपुर जिले में 28.60 करोड़ रुपये की लागत से सौर सुजला योजना के अंतर्गत 1 हजार सौर सिंचाई पम्पों की स्थापना के कार्य, 4.96 करोड़ रुपये की लागत से गौठानों और चारागाहों में पेयजल हेतु स्थापित किए जाने वाले 150 सौर सिंचाई पम्पों, 6.66 करोड़ रुपये की लागत से जल जीवन मिशन के अंतर्गत 45 सोलर ड्यूल पम्प और टंकी स्थापना के कार्यों का भूमिपूजन भी किया।

मांदर पर थाप दिया मुख्यमंत्री ने

जशपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जब मांदर भेंट किया तो वे उस पर थाप देने से स्वयं को रोक नहीं सके। इसी तरह पाषण-शंख को देखकर उन्होंने उसे बजाकर उसकी ध्वनि सुनी। अपनी इस पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने स्थानीय सांस्कृतिक तत्वों में खूब रुचि ली।

बघेल जब जशपुर के नवनिर्मित पुरातत्व संग्रहालय पहुंचे तो उनका स्वागत मांदर भेंटकर किया गया। संग्रहालय में रखे गए पाषाण शंख की ध्वनि सुनने के बाद उन्होंने इसकी सराहना करते हुए कहा कि ये सारी चीजें हमारी विरासत हैं। यह संग्रहालय हमारी विरासतों को सहेजने का माध्यम बनेगा। जशपुर में निर्मित गढ़कलेवा के अवलोकन के दौरान उन्होंने खास तौर पर प्रदर्शित जशपुरिया-व्यंजनों में भी रुचि ली। इस यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री का स्वागत स्थानीय जनजातीय नृत्यों, वाद्यों तथा गीतों के माध्यम से किया गया। जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत ने भी मंच से अपने संबोधन के दौरान बघेल के स्वागत में उरांव गीत गाए। उन्होंने गीतों के भाव समझाते हुए कहा कि हे अतिथि आप आए हैं, तो हमारे मन को बहुत अच्छा लग रहा है। संबोधन शुरु होने से पहले बघेल को जशपुरिया पगड़ी पहनाकर तथा तीर-कमान सौंपकर स्वागत किया गया।

आत्मानंद स्कूल के बच्चों ने सुनाई धाराप्रवाह अंग्रेजी

जशपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने डीपाटोली स्थित आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का निरीक्षण किया। विद्यालय के चौथी एवं दूसरी कक्षा के विद्यार्थियो ने स्वागत गीत से मुख्यमंत्री का स्वागत किया और अंग्रेजी माध्यम स्कूल स्थापना के लिए धन्यवाद दिया। बच्चों ने जशपुर के ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर तथा पर्यटन स्थल की जानकारी बहुत ही सहज तरीके से आपसी संवाद के माध्य्म से प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्राथमिक कक्षा के नन्हे  बच्चों से धारा प्रवाह अंग्रेजी सुनकर अभिभूत हुए। उन्होंने बच्चों को शाबाशी देते हुए खूब पढ़ाई कर जशपुर का नाम रोशन करने कहा।

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