28 सितंबर को बंद के दौरान डॉक्टर और स्टाफ से की गई थी मारपीट

निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने मांग की है कि उनके साथियों से मारपीट करने वाले दवा विक्रेताओं के खिलाफ पुलिस में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाए।

प्रेस क्लब पहुंचे आईएमए बिलासपुर के अध्यक्ष डॉ. आरडी गुप्ता सचिव डॉ. आशीष मूंदड़ा और अन्य चिकित्सकों ने कहा कि 28 सितंबर को दवा दुकान बंद कराने निकले जिला औषधि विक्रेता संघ के सदस्यों ने कुछ क्लीनिक में मरीज के इलाज के दौरान डॉक्टरों से अभद्र व्यवहार करते हुए मारपीट की। इस दौरान एक डॉक्टर डॉ. जगबीर सिंह के कान का पर्दा फट गया है। इसके विरोध में शनिवार शहर का ओपीडी पूरे दिन बंद रखा गया।

आईएमए के सदस्य मारपीट को लेकर विक्रेता संघ के सदस्य महेश अग्रवाल, हरजीत सिंह सलूजा व राघवेन्द्र गुप्ता के खिलाफ एसपी आरिफ शेख से मिले और  सिविल लाइन थाने में अपराध दर्ज कराया। डॉ. गुप्ता ने कहा कि एमएलसी रिपोर्ट नहीं होने का बहाना बनाकर पुलिस अपराध दर्ज नहीं कर रही थी। इसके बाद अधिवक्ता प्रतीक शर्मा के माध्यम से अपराध दर्ज कराया गया। उन्होंने कहा आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की आईएमए मांग करता है। इस घटना को लेकर यदि विक्रेता संघ माफी मांगती है तो आईएमए समझौता नहीं करेगा। आईएमए के सचिव डॉ आशीष मूदड़ा ने बताया कि दवा बिक्री के विरोध में दवा दुकाने बंद कराने पहुंचे कुछ लोगों ने डाक्टरों के साथ गुंडागर्दी कर उसे पीटा है। जबकि आईएमए इस बंद के समर्थन में था। उन्होंने बताया कि कुछ डाक्टरों के साथ गाली-गलौच भी की गई है।

दवाई दुकान बंद कराने विक्रेता संघ के सदस्य आए और शिशु भवन में, सृष्टि चिल्ड्रन हास्पिटल में, स्टार चिल्ड्रन हास्पिटल डॉ संतोष, डॉ प्रशांत द्विवेदी के साथ अशोभनीय व्यव्हार कर उन्हें प्रताडि़त किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि कल दिन-भर ओपीडी बंद रहा, जिससे दूर आने वाले मरीजों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीजों की समस्या को देखते हुए आईएम ने यह निर्णय लिया है कि ओपीडी अब चालू रहेगा। इस मामले की जानकारी देते हुए एसपी आरिफ एच शेख ने बताया कि डाक्टरों से मारपीट की शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई गई है।

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