जांजगीर-चांपा जिले की टीम को मिला पहला स्थान

बिलासपुर। स्कूली बच्चों को संसदीय कार्यप्रणाली से वाकिफ कराने के लिए संसदीय कार्यविभाग छत्तीसगढ़ द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के साथ मिलकर संभाग स्तरीय युवा संसद प्रतियोगिता का आयोजन त्रिवेणी भवन में किया गया। प्रतियोगिता में आठ जिलों के साढ़े तीन सौ बच्चों ने हिस्सा लिया। इनमें से कई प्रतिभागी प्रधानमंत्री और मंत्रियों की वेशभूषा में भी शामिल हुए।
युवा संसद में छात्र-छात्राओं ने कोटा राजस्थान के कोचिंग संस्थानों में तैयारी के लिए जाने वाले छात्रों की आत्महत्या को लेकर चिंता जताई। उन्होंने दिल्ली के महिला पहलवानों के यौन शोषण का मुद्दा भी उठाया। हसदेव में जंगल की कटाई से पर्यावरण की क्षति के मुद्दे पर भी बहस की। डिजिटल एजुकेशन के फायदे व नुकसान पर चर्चा की गई।
युवा संसद में प्रश्नकाल से लेकर ध्यानाकर्षण तक में देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चाएं होती रही। एक बारगी तो यह यकीन ही नहीं हो रहा था कि यह बच्चे सांसद नहीं बल्कि स्कूलों के विद्यार्थी हैं। कार्यक्रम में शामिल हुए बच्चों ने कार्यक्रम को लेकर प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होकर हमें लोकतंत्र की महत्ता का पता चला और हमें इस बात का एहसास हुआ कि कैसे देश को सुचारू रूप से चलने के लिए सदन का अपना योगदान है और कैसे वह देश की दशा और दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है । कार्यक्रम के विषय में बताते हुए शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक आर. पी. आदित्य ने कहा कि प्रतियोगिता आयोजित करने का उद्देश्य बच्चों में लोकतंत्र की समझ और उसके प्रति आस्था उत्पन्न करना था। सदन में जिस प्रकार अलग-अलग मुद्दों पर स्वस्थ चर्चा होती है ठीक वैसे ही आज देखने का मौका मिला। इस कार्यक्रम में अलग-अलग 8 जिलों के 350 विद्यार्थियो ने भाग लिया और सदन के सदस्य के रूप में अपनी प्रस्तुति दी ।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान जिला जांजगीर-चांपा ने हासिल किया उन्हें 300 में से 193 अंक प्राप्त हुए। द्वितीय स्थान पर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही की टीम रही उन्हें 300 में से 185 अंक प्राप्त हुए। तीसरे स्थान पर जिला मुंगेली की टीम रही जिसे 300 में से 179 अंक मिले। कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर निखिल केशरवानी, जयश्री चौकसे, महर्षि बाजपेयी, नितिन छाबड़ा, अंकित गुप्ता और जिला पंचायत एपीओ भाग्य श्री मिश्रा रही।
प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल के तौर पर जमुना प्रसाद महाविद्यालय के प्राचार्य निराला सर, पीजीबीटी कॉलेज के प्राचार्य मनोज सिंह, पंडित सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मनीष साव रहे । कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम प्रभारी सहायक संचालक दिलावर और सहयोगी के तौर पर सहयोगी भूपेंद्र कौशिक, जे. के. बावरे, मुकेश मिश्रा सहायक संचालक के साथ स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्य और कई शिक्षक और कर्मचारी जुटे रहे। कार्यक्रम का संचालन मुकुल शर्मा ने किया। मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी विवेक दुबे निभाई।

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