पूरे मोहल्ले ने पी थी और कितने प्रभावित, पता करने पुलिस मुनादी करा रही

बिलासपुर। 95 प्रतिशत अल्कोहल वाली होम्योपैथिक सिरप पीने से सिरगिट्टी थाना क्षेत्र के कोरमी गांव के आठ लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। पांच घायलों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है।

लॉकडाउन में शराब की दुकानों को बंद रखा गया है। इसकी जगह होम्योपैथिक दवा पी लेने से कोरमी गांव के धुरी पारा में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। मौत का सिलसिला मंगलवार की रात को दो लोगों से शुरू हुआ था। बुधवार की दोपहर तक दो और लोगों की मौत हो गई। आज सुबह अस्पताल में दाखिल कराये गये चार और लोगों की मौत हो गई।

इन लोगों ने मंगलवार की रात को नशा करने के लिए ड्रोसेरा-30 नामक होमियोपैथी सिरप पी ली। डॉक्टरों के अनुसार इसमें 95 प्रतिशत तेज अल्कोहल होता है, जिसे चिकित्सक एक गिलास पानी में दो चार बूंद मिलाकर पीने के लिये देते हैं लेकिन पुलिस के अनुसार ये इसे 50-60 एमएल का पैग बनाकर पी गये। पहले यह पता चला था कि सिरप के साथ इन लोगों ने महुआ शराब मिलाई थी लेकिन बाद में जांच से पता चला कि सभी ने केवल सिरप ही ज्यादा मात्रा में पी ली थी।

मंगलवार की रात इसमें से दो युवकों कमलेश धुरी (32) व अक्षय धुरी (21) की मौत हो गई। राजेश धुरी (21) और समारू धुरी (25) ने बुधवार की सुबह दम तोड़ दिया।

सिरगिट्टी पुलिस के पास पहली सूचना बुधवार की शाम पहुंची जिसमें कोरोना संक्रमण से चार की मौत  होने की जानकारी मिली। सूचना देने वाले से पुलिस ने जानना चाहा कि उनकी किस अस्पताल में मौत हुई। पता चला कि सभी की घर पर ही मौत हुई। आशंका होने पर पुलिस गांव पहुंची तो वहां चारों शवों को जलाया जा रहा है। यहां प्रारंभिक सूचना मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की। धुरीपारा के ही खेमचंद धुरी (40) कैलाश धुरी (50)  ने भी इस सिरप का सेवन किया था। तीनों की तबीयत खराब होने पर उन्हें भी बिलासपुर के अपोलो और सिम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां गुरुवार को उन्होंने भी दम तोड़ दिया। दीपक धुरी (30 वर्ष) की मौत घर पर हो गई। शुक्रवार की सुबह एक रामदयाल की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस तरह से अब तक कुल आठ लोगों की मौत हो गई है। पांच लोग गंभीर रूप से घायल है जिनमें से चार का इलाज सिम्स चिकित्सालय में तथा एक का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

एसपी के अनुसार पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम आज भी मौके पर हैं । सिम्स में भर्ती गंभीर मरीजों ने कुबूल किया है कि उन्होने एक होम्योपैथी दवा को शराब की तरह पी ली थी। गांव वालों से पूछताछ करने पर बताया है कि गाँव के समीप धूमा चौक पर एक  होम्योपैथी डॉक्टर एस आर चक्रवर्ती का क्लीनिक है जहां से सिरप ड्रोसेरा-30 उन युवकों ने प्राप्त किया होगा। भारी मात्रा में अल्कोहलयुक्त इस सिरप की मात्र चार-पाँच बूंदें ही एक कप पानी में मिलाकर लेनी होती है लेकिन उसे शराब की तरह पी लेने के कारण इनकी मौत होने का अनुमान लगाया गया है।

पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि एडिशनल एसपी, एसडीएम, सीएमएचओ आदि गांव में मौजूद हैं। गांव में मुनादी करके यह पता लगाया जा रहा है कि कुछ और लोगों ने तो इस सिरप का सेवन नहीं किया है। जानकारी मिल रही है कि धुरीपारा के 20-25 लोगों ने एक साथ शराब पी थी। कुछ लोगों ने इस धोखे में भी पी कि इस दवा से कोरोना का इलाज जो जाता है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इतनी भारी मात्रा में यह सिरप युवकों को कहां से मिली। अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। ग्रामीण बात कर रहे हैं कि पुलिस को जानकारी है कि लोग पिछले कई दिनों से शराब की जगह सिरप पीकर अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं।

जानकारी मिली है कि ये सभी होम्योपैथी सिरप बीते कई दिनों से ले रहे थे। कल जो सिरप उन्होंने ली उसमें कोई लेवल नहीं लगा था। पुलिस ने कप सिरप की खाली शीशी को जब्त किया है। पुलिस ने एक झोलाछाप डॉक्टर से पूछताछ की है। ग्रामीणों से बयान लिया जा रहा है। अस्पताल में दाखिल दोनों लोगों से भी पूछताछ की जायेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि जिले में 14 अप्रैल से लॉकडाउन के चलते शराब की दुकानें बंद हैं। इस दौरान पुलिस ने कच्ची शराब की अवैध बिक्री और अंग्रेजी शराब की तस्करी के कई मामले दर्ज किए हैं।

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