2004 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद नहीं हुई नगर क्षत्तिपूर्ति भत्ते में वृद्धि

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष पी. आर. यादव ने बिलासपुर नगर निगम की जनसंख्या पांच लाख से अधिक होने और इसके ‘सी’ श्रेणी से ‘बी’ श्रेणी में आ जाने के आधार पर भत्तों में बढ़ोत्तरी आदेश जारी करने की मांग शासन से की है।

यादव ने कहा कि पांच लाख से अधिक आबादी पर कर्मचारियों को 10 प्रतिशत आवास भत्ता और 75 रुपये नगर क्षत्तिपूर्ति देने का प्रावधान है। अभी बिलासपुर के कर्मचारियों को यह सात प्रतिशत और 50 रुपये है। अब बिलासपुर में तीन नगरीय निकाय और 15 ग्राम पंचायतों के शामिल होने के दिनांक से कर्मचारियों को उक्त भत्तों का लाभ दिया जाये।

रायपुर के कर्मचारियों को अभी 10 प्रतिशत आवास और 75 रुपये नगर क्षत्तिपूर्ति भत्ता मिल रहा है। नया रायपुर में 30 प्रतिशत आवास भत्ता है।

यादव ने कहा कि रायपुर के कर्मचारियों को अभी 10 प्रतिशत आवास और 75 रुपये नगर क्षत्तिपूर्ति भत्ता मिल रहा है। नया रायपुर में 30 प्रतिशत आवास भत्ता है। जनसंख्या के आधार पर बिलासपुर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है इसलिये यहां पदस्थ कर्मचारी राजधानी के समान भत्तों की पात्रता रखते हैं।

यादव ने बताया कि सन् 2004 में उनके संगठन की याचिका पर हाईकोर्ट ने बिलासपुर के कर्मचारियों का नगर क्षत्तिपूर्ति भत्ता 50 रुपये तय किया, तब से लेकर अब तक इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई है। बिलासपुर में एसईसीएल मुख्यालय, एनटीपीसी, रेलवे जोन मुख्यालय, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, अपोलो विश्वविद्यालय, सिम्स, अटल विश्वविद्यालय व अनेक मल्टीस्पेशियेलिटी चिकित्सालय हैं जिसके चलते कर्मचारियों को आवास किराया, आवागमन और चिकित्सा पर अधिक व्यय करना पड़ता है। इसकी प्रतिपूर्ति भत्तों में वृद्धि से की जा सकती है।

रायपुर नगर निगम की सीमा में वृद्धि होने के बाद शहर व शामिल नई पंचायतों के कर्मचारियों को अधिसूचना के दिनांक से बढ़ी हुई दर पर आवास पर नगर क्षत्तिपूर्ति भत्ता दिया गया था, इसलिये बिलासपुर के कर्मचारियों के भत्तों में वृद्धि की मांग न्यायोचित है।

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