दो प्रहरी सस्पेंड, जेलर पर भी सवाल- मुंगेली कलेक्टर और सहायक-महानिरीक्षक ने किया मुआयना, तस्वीरें जारी

बिलासपुर। ग्राम देवरी में स्थित मुंगेली जिले के उप-जेल से बीती रात सो रहे संतरियों को चकमा देकर हत्या, बलात्कार, नारकोटिक्स जैसे संगीन अपराधों में विचाराधीन चार कैदी भाग गये। इन्होंने पहले बैरक का किसी औजार से ताला तोड़ा, फिर जेल की 24 फीट ऊंची दीवार फांदी। दीवार से उतरने के लिए उन्होंने चादर और गमछे का इस्तेमाल किया। मुंगेली पुलिस ने कैदियों की तलाश शुरू कर दी है। जिला व जेल प्रशासन के अधिकारी जेल का मुआयना कर घटना की वजह जानने की कोशिश कर रहे हैं। ड्यूटी पर तैनात दो संतरियों को जेल प्रशासन ने निलम्बित कर दिया है।
मुंगेली कलेक्टर डॉ. भूरे व सहायक जेल महानिरीक्षक तिग्गा उप-जेल पहुंचे।

शुक्रवार-शनिवार की रात करीब 12.15 बजे चार कैदी जेल से भागे, जिनकी पहचान खोंगसरा निवासी तरुण उर्फ छोटू उर्फ रितेश, धीरज, इंदल उर्फ इंद्रध्वज और सुरेश पटेल के रूप में की गई है। कैदी तरूण केंवट बेलगहना का रहने वाला है जिसके खिलाफ धारा 363, 366 और 376 का अपराध दर्ज है। दूसरा कैदी धीरज, दुआरी थाना गुढ़, जिला रीवा मध्यप्रदेश का है जिसके खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज है। तीसरा कैदी इंदल लोरमी थाने के सिलतरा गांव का रहने वाला है इसके खिलाफ धारा 457 के तहत अपराध दर्ज है। चौथा आरोपी सुरेश पटेल सेमरचुआ थाना जरहागांव का है और उसके खिलाफ एनडीपीएस नारकोटिक्स एक्ट के तहत जुर्म दर्ज है। सभी अभी विचाराधीन कैदी हैं, जिनके मामले अभी कोर्ट में चल रहे हैं।

जानकारी मिली है कि ये सभी कैदी एक ही बैरक क्रमांक तीन में बंद किये गये थे। उन्होंने ताला तोड़ने के लिए किसी औजार का इस्तेमाल किया। जेल की दीवार 24 फीट ऊंची है लेकिन कई स्थानों पर भीतर में बैरक और अन्य कक्ष बने हुए हैं, जिन पर चढ़कर दीवार तक पहुंचा जा सकता है।  बाहर की ओर उतरने के लिए उन्होंने अपने कमरे में उपयोग के लिए मिले चादर और गमछे का इस्तेमाल किया। बैरक में 13 कैदी बंद थे लेकिन उनमें से कुल चार कैदी ही फरार हुए। बाकी कैदी उनके साथ जाने के लिए तैयार नहीं हुए। यह भी जानकारी मिली कि जिन दो प्रहरियों की ड्यूटी थी वे घटना के वक्त सो रहे थे। उप जेल अधीक्षक जी एल पुरेना ने बताया कि प्रहरी कमल साहू और चेतन साहू को निलम्बित कर दिया गया है।

12.15 बजे हुई फरारी की घटना का सो रहे प्रहरियों को 45 मिनट बाद पता चला। इसके बाद हड़कम्प मच गया। तुरंत उन्होंने रात में ही जाकर उप जेल अधीक्षक पुरेना को जगाया और घटना की जानकारी दी। पुरेना ने सिटी कोतवाली मुंगेली के लिए रात में ही एक पत्र लिखकर एफआईआर कराने के लिए स्टाफ को भेजा। रात ढाई बजे मुंगेली पुलिस सक्रिय हुई और जेल परिसर पहुंच गई। उन्होंने रात में बिलासपुर, लोरमी, कवर्धा(कबीरधाम), पंडरिया, सिमगा, रायपुर आदि के थानों में सूचना भेज दी। आज सुबह चारों कैदियों की तस्वीरें भी जारी की गई है। पुलिस अधीक्षक सीडी टंडन ने बताया है कि फरार कैदियों की तलाश में टीम रवाना की गई है और संभावित स्थलों के सम्बन्धित थानों में भी सूचना दी गई है। अभी तक आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला है।

आज सुबह मुंगेली कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे और सहायक महानिरीक्षक एस.एस. तिग्गा ने करीब दो घंटे तक जेल के भीतर परिसर का मुआयना किया। पता चला है कि बैरक क्रमांक तीन जहां यह घटना हुई जेल के अन्य बैरकों से काफी दूर बना है। इसकी हालत भी जर्जर हो चुकी है। इस बैरक में फिर कैदियों को रखने का निर्णय तीन-चार माह पहले लिया गया था। यह भी मालूम हुआ है कि रात में जब घटना हुई तो जेलर को प्रहरियों ने उनके निवास पर जाकर जगाया पर वे करीब 20 मिनट बाद बाहर निकले।

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