बिलासपुर। अनलॉक-1 के शुरू होने के बाद हाईकोर्ट ने भी धीरे-धीरे खुली अदालत में सुनवाई शुरू करने का निर्णय लिया है। आठ जून से वीडियो कांफ्रेंस के अलावा खुली अदालत में भी सुनवाई शुरू होगी। हालांकि अधीनस्थ न्यायालयों में 26 मई का आदेश जारी रहेगा जिनमें सिर्फ अत्यावश्यक मामलों को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सुना जा रहा है।

केन्द्र सरकार द्वारा 30 मई को देशभर में सामान्य गतिविधियां शुरू करने के लिए गाइडलाइन तय की गई है। इसी परिप्रेक्ष्य में हाईकोर्ट में भी खुली सुनवाई चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इससे उन प्रत्येक याचिकाकर्ताओं को अवसर मिल सकेगा जो वीडियो कांफ्रेंस से सुनवाई में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं और ई मेल से केस फाइल नहीं कर पा रहे हैं। हाईकोर्ट में सीआरपीसी की धारा 438 और 439 के तहत जमानत आवेदन को वीडियो कांफ्रेंस से सोमवार से गुरुवार तक सुना जायेगा। शुक्रवार को खुली अदालत में जमानत के मामले सुने जायेंगे।

इसी तरह से सभी नये प्रकरण, अत्यावश्यक प्रकरण और सभी तरह के रिट पिटिशन की सुनवाई सिंगल बेंच में सुने जायेंगे। अदालत के फर्स्ट हाफ में वीडियो कांफ्रेस से तथा इसके खत्म होने के बाद अथवा सेकंड हाफ में खुली सुनवाई होगी। ये बेंच अपने रोस्टर तथा जमानत के सौंपे गये मामलों की अपने विवेक के अनुसार वीडियो कांफ्रेंस या खुले में सुनवाई कर सकेगी।

हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ई मेल के जरिये केस फाइल नहीं किये जायेंगे न ही सुनवाई की सूचना दी जायेगी। इसके लिये पूर्व की तरह अदालत के रीडर के पास केस जमा करना होगा और वहीं से सुनवाई की तारीख मिलेगी। यह प्रक्रिया वीडियो कांफ्रेंस से होने वाली सुनवाई में भी अपनाई जायेगी।

खुले कोर्ट में सुनवाई के दौरान सामाजिक-शारीरिक दूरी और कोविड -19 के बचाव के लिये केन्द्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन तथा लागू नियमों का पालन किया जायेगा।

निचली अदालतों में खुली सुनवाई पर इस समय रोक लगी हुई है। इन अदालतों में 26 मई को जारी आदेश ही प्रभावशील रहेगा जिसके तहत अत्यावश्यक मामलों की वीडियो कांफ्रेस से सुनवाई की जा रही है। निचली अदालतों के लिये कुछ समय बाद आदेश जारी होगा।

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