बिलासपुर। समर्थन मूल्य पर खरीदे गये धान की छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोषित अतिरिक्त राशि की पहली किश्त किसानों के खाते में आ गई। किसानों के मोबाइल फोन पर मैसेज तो आया है कि उनके खाते में रकम आ गई, लेकिन किस मद से आई इसकी खबर नहीं है। कुछ लोग तो यह भी पूछ रहे हैं कि कहीं यह पैसा मोदी ने तो नहीं डलवाया?


21 मई को छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की और पहली किश्त के रूप में किसानों के खाते में 1500 करोड़ रुपये डाल दिये गये। बिलासपुर जिले के भी एक लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं और उनके खाते में 85 करोड़ से अधिक राशि पहुंची है।

जिले के प्रतिष्ठित कृषक शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. किरण देवरस के खाते में भी 60 हजार रुपये आये। उनका कहना है कि मैंने तो पढ़ा-लिखा होने के कारण थोड़ा अनुमान लगा लिया कि यह रकम कहां से आई पर अधिकांश किसानों से पूछता हूं तो उन्हें मालूम ही नहीं कि खाते में पैसे कहां से आये। वे यह भी पूछ रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री ने यह राशि डलवाई है? डॉ. देवरस का कहना है कि सरकार को चाहिये था कि वे प्रशासन या बैंकों के माध्यम से किसानों को व्यक्तिगत रूप से या फिर मोबाइल से ही मैसेज भेजकर सूचित करती कि यह राशि 2500 रुपये क्विंटल में खरीदे गये धान की शेष राशि की पहली किश्त है। उनका यह भी कहना है कि सरकार यदि कोई अच्छा कार्य कर रही हो तो उसकी जानकारी भी लाभान्वित लोगों को दी जानी चाहिये। बैंक अधिकारियों को इसकी जानकारी देनी चाहिये। अच्छे कार्य को छिपाना अच्छी बात नहीं है। अच्छा होता हिन्दी में सबके पास मैसेज आता।

डॉ. देवरस ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के चलते प्रत्येक वर्ग विषम आर्थिक स्थिति का सामना कर रहा है ऐसे समय में किसानों के खाते में पैसे डालकर छत्तीसगढ़ सरकार ने उनकी बहुत बड़ी मदद की है। डॉ. देवरस बिल्हा विकासखंड के बेलतरा तहसील के ग्राम सलखा के बड़े किसान हैं। उनके पास 35 एकड़ कृषि भूमि है। उन्होंने इस वर्ष समर्थन मूल्य पर 6 लाख रुपये से अधिक का 334 क्विंटल धान सलखा सहकारी समिति में बेचा था। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2500 रुपये प्रति क्विंटल के मान से धान की कीमत देने के निर्णय से उनके बेचे गये धान की कीमत 8 लाख 34 हजार रुपये से अधिक की हो गई। डॉ. देवरस को इस अंतर की राशि 2 लाख 28 हजार 611 रुपये राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिलने वाली है। इसमें से प्रथम किश्त की राशि 60 हजार रुपये का भुगतान उनके खाते में कर दिया गया है।

डॉ. देवरस ने कहा कि गर्मी के दिनों में हम खेतों में खन्ती और मेड़ों को ठीक कराने का काम कराते हैं उसके लिये पैसों की कमी हो जाती है। अभी जो राशि मिली है उससे यह काम करा पायेंगे। साथ ही अपने खेत में फेंसिंग भी कराने की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बहुत बड़ा कदम उठाया है जिससे किसानों में उत्साह है।

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