बिलासपुर। देशभर में 23 मार्च को लॉकडाउन होने के बाद मजदूर कई जगहों पर फंसे हुए हैं। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के वासिंग गांव के 10 मजदूर भी इनमें शामिल हैं। लीगल सर्विस एड के हेल्प लाइन नंबर पर फोन करने पर इन्हें वहां रुकने व भोजन की व्यवस्था कराई गई है। इनमें एक गर्भवती महिला भी है जिन्हें चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई गई।

बुधवार 25 मार्च की रात नालसा के टोल फ्री नंबर 15100 पर फोन आया कि सतारा के पास कराड ग्राम में 10 मजदूर भटक रहे हैं जो छत्तीसगढ़ के हैं। लाकडाउन होने के बाद ठेकेदार काम छोड़कर भाग गया है और इन लोगों के पास खाने-पीने के लिये या वापस लौटने के लिए पैसे नहीं है।

फोन आने पर विधिक सहायता अधिकारी ने इसकी जानकारी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल को दी। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्पर्क किया। इसके बाद सतारा स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी सक्रिय हो गये। उन्होंने इन श्रमिकों के लिए इतने राशन की व्यवस्था करा दी है जो उनके आने वाले 15 दिनों के लिए पर्याप्त है। गर्भवती श्रमिक महिला का स्वास्थ्य परीक्षण भी सतारा के कॉटेज चिकित्सालय में कराया गया। इसके अलावा दो अन्य मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया है। चूंकि इस समय ट्रेन, बस आदि सेवाएं बंद है उनके आने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है इसलिये वे कराड में ही रुके हुए हैं। सतारा के विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव तृप्ति नितिन जाधव ने छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को सूचित किया है कि लॉकडाउन खत्म होते तक उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जायेगा तथा आगे उन्हे जैसी जरूरत होगी मदद पहुंचाई जायेगी। ये सभी मजदूर बालोद जिले के वाशिंग गांव के हैं, जो छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का भी गांव है।

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