बिलासपुर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए चौथे केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे ने कहा  कि सरकार ने 5 साल में 60 लाख नई नौकरियां देने की बात कही है, उसे स्पष्ट रूप से प्रमाणित करना चाहिए कि कब और किस तरह दी जाएंगी। यह नौजवानों के साथ बेरोजगारों के साथ छलावा है। इसी तरह उन्होंने एक साल में 80 लाख आवास बनाने की भी घोषणा की है, जो निराधार और बुनियाद से कोसों दूर है। उन्होंने सुविधा के नाम पर 5 जी मोबाइल सेवाओं के प्रारंभ होने की बात कही है। निश्चित रूप से यह बड़े उनके चहेते तकनीकी उद्योगपतियों को अरबों-खरबों रुपए का लाभ दिलाने के लिए किया गया फैसला है।

पांडे ने कहा कि सुरक्षा और क्षमता वृद्धि के लिए 2000 किलोमीटर रेल नेटवर्क को स्वदेशी तकनीक कवच के लिए लाए जाने की बात कही है,  जबकि सच यह है कि आए दिन होने वाली बड़ी दुर्घटनाओं पर अब तक अंकुश नहीं लगाया जा सका है, और ट्रेन दुर्घटनाएं पिछले कुछ सालों में बढ़ी हैं। जांच के बाद भी इनका निर्णय अप्राप्त रहता है। रेलवे की नौकरी में हाल में ही देशभर के युवाओं ने बहुत बड़ा आंदोलन किया था।

पांडे ने यह भी कहा कि भारत की विकास दर 9.27 फ़ीसदी रहने का अनुमान है। इस तरह की आंकड़ेबाजी भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार का पुराना तरीका है। गंगा के किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में ऑर्गेनिक खेती सहित कई घोषणाएं पूरी तरीके से चुनाव में लाभ लेने के लिए किया गया है, जो चुनाव होने के बाद कभी धरातल पर नहीं आ पाएगी। शैलेश पांडे ने कहा कि नौकरीपेशा लोगों को यह उम्मीद थी कि आयकर के स्लैब में बदलाव किया जाएगा  और थोड़ी राहत होगी लेकिन सरकार अपने व्यापारिक रवैये पर आज भी पड़ी हुई है और उन्हें कोई राहत नहीं दी गई। किसानों को राहत देने के लिए बहुत सारी घोषणाएं की गई है, जबकि सच यह है कि यह सरकार पूर्ण रूप से उद्योगपतियों के हाथ किसानों की फसलों और उनकी मेहनत को बेचना चाहती है। यह बात किसान आंदोलन से पूरी तरह सामने आ चुकी है। किसानों को उठा के जाने के लिए ही अनेक खेती की योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

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