बिलासपुर। जिले में सुपोषण अभियान के तहत 1925 आंगनबाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 06 वर्ष तक के 19602 एवं 22569 शिशुवती माताओं का चयन किया गया। अक्टूबर महीने तक 3 हजार 552 बच्चे कुपोषण से मुक्त होकर सुपोषित हुए हैं। इनमें बिलासपुर परियोजना के 284, सरकण्डा के 239, बिल्हा के 313, मस्तूरी के 228, सीपत के 192, संकरी के 786, तखतपुर के 728 एवं कोटा के 782 बच्चे शामिल हैं।

प्रदेश सरकार का मानना है कि एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। स्वस्थ बच्चों से ही आने वाली पीढ़ी का निर्माण होगा। इनसे ही स्वस्थ समाज, स्वस्थ राज्य का निर्माण होगा। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य में कुपोषण समाप्त करने के लिए 02 अक्टूबर 2019 को सुपोषण अभियान शुरू किया गया था। यह अभियान बिलासपुर जिले में भी सुपोषित बिलासपुर अभियान चलाया जा रहा है।

जिले में सुपोषण अभियान के कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक द्वारा हितग्राहियों के घर जाकर नियमित जांच की जा रही है। सप्ताह में तीन दिन कुपोषित बच्चों को पौष्टिक लडडू दिये जाते हैं। कुपोषित बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्र द्वारा लाभान्वित किया जाता है। योजना के तहत मुख्यमंत्री बाल संदर्भ शिविर में बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाती है। सुपोषण चौपाल के माध्यम से सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता दिवस के माध्यम से जनजागरण एवं स्वास्थ्य के प्रति निरंतर सचेत करने का प्रयास आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किया जा रहा है। कोविड 19 महामारी के दौरान लॉकडाउन अवधि में भी हितग्राहियों के घर जाकर नियमित पोषण आहार रेडी टू ईट एवं सूखा राशन का नियमित वितरण किया गया।

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