कलेक्टर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की जांच

बिलासपुर। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के निजी क्षेत्र में संचालित समर्थ नर्सिंग हॉस्पिटल एवं अरिहंत पैथौलॉजी लैब की आकस्मिक जांच की। जांच में मिली गंभीर खामियों के चलते अरिहंत पैथोलॉजी को सील कर दिया। वहीं समर्थ नर्सिंग हॉस्पिटल के संचालक को नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर जवाब तलब किया गया है। न्यू वंदना हास्पिटल पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। टीम ने 5 फरवरी को निरीक्षण कर अस्पताल प्रबंधन को खामियों के लिए नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं पाया गया।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को मुंगेली रोड स्थित समर्थ नर्सिंग होम एवं नगोई चौक स्थित अरिहंत डायग्नोस्टिक्स का आकस्मिक निरीक्षण किया। दोनों संस्थानों में अनेक खामियां पाई गई। समर्थ नर्सिग होम के निरीक्षण के दौरान कोई भी ड्यूटी डॉक्टर कार्य पर नहीं पाए गए। डॉ. नीरू व्ही पटेल निरीक्षण के दौरान स्टाफ के बुलाने पर हाजिर हुईं। अस्पताल में इस दौरान एएनएम अनिमा लकड़ा और जीडीए रीना तिग्गा उपस्थित थीं। जबकि संस्थान में प्रशिक्षित एवं नर्सिंग कौंसिल से पंजीकृत स्टाफ नर्स का होना जरूरी है। जनरल वार्ड में छह बिस्तर संचालित हैं जबकि मानक रूप में इसके लिए जगह उपलब्ध नहीं है। नर्सिंग होम परिसर में डॉ. मृणालिनी का बोर्ड प्रदर्शित होना पाया गया, जबकि इस संबंध में कार्यालय को किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई है। इसलिए संचालक को नोटिस जारी कर तीन दिवस में जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है।

जांच टीम ने  बैमा नगाई चौक सीपत रोड स्थित अरिहंत पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण किया। संस्थान में पैथोलाजिस्ट का चेम्बर नहीं पाया गया। पैथोलॉजिस्ट का नाम एवं अर्हता प्रदर्शित नहीं की गई थी। लैब में कुमारी लता मरावी कार्यरत पायी गई, जो कि वर्तमान में डीएमएलटी की पढ़ाई कर रही हैं। लैब टेक्निशियन प्रफुल्ल कुर्रे का पैरामेडिकल कौंसिल में पंजीकृत होना नहीं पाया गया।  प्रयोगशाला उपकरण मानक के अनुरूप नहीं पाए गए। संस्थान में मरीजों के उपयोग के लिए प्रसाधन की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। इन खामियों को छत्तीसगढ़ राज्य रोगोपचार संबंधी स्थापना अनुज्ञापन नियम 2013 का गंभीर उल्लंघन माना गया है। इसके चलते पैथोलॉजी लैब का संचालन बंद करते हुए लैब सील कर दी गई।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि विगत 5 फरवरी को न्यू वंदना अस्पताल उसलापुर के पैथोलाजी लैब कलेक्शन सेन्टर में डीएमएलटी की पढ़ाई कर रहे अजय साहू कार्य करता मिला। साहू का पैरामेडिकल कौंसिल में पंजीयन नहीं हैं। परिसर में कायरत डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर एवं शुल्क का प्रदर्शित नहीं था। आईपीडी में चम्पा मण्डल जीडीए एवं रीता जीएनएम  कार्यरत पाए गए, जबकि इनके स्थान पर नर्सिंग कौंसिल में पंजीकृत नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी होनी चाहिए।

गहन चिकित्सा कक्ष में भी जीडीए सपना टण्डन एवं गिरधारी यादव कार्यरत पाये गए जबकि यहां नर्सिग कौंसिल में पंजीकृत नर्सिंग स्टॉफ की ड्यूटी लगनी चाहिए। द्वितीय तल में मेल एवं फिमेल वार्ड में दो बिस्तरों के बीच की दूरी मानक के अनुरूप नहीं पाया गया था। जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन अनुरूप कलर कोडेड बायोमेडिकल बकेट नहीं पाये गये। निरीक्षण के दौरान संस्थान में ऐलौपेथिक चिकित्सकों के अतिरिक्त डॉ.देव पैकरा बीएचएमएस वार्ड में ड्यूटी करते पाये गये, जो कि नियमों के विपरीत है। डॉ. अभिषेक शाह, डॉ. एन.के.साव, डॉ. एमपी सामल, डॉ. खुशबू दुबे, डॉ. संदीप चरण का आपके अस्पताल में कार्यरत होने के संबंध में सूचना फलक में प्रदर्शित होना पाया गया लेकिन सीएमएचओ कार्यालय में इसकी सूचना नहीं दी गई थी। इन सब खामियों को लेकर न्यू वंदना हॉस्पिटल पर 20 हजार रुपये का जुर्माना किया गया।

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