बिलासपुर। बिलासा गर्ल्स डिग्री कॉलेज के सामने स्थित बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के नीचे आज शाम अद्धुत नज़ारा दिखा। एक अकेली लड़की रोशनी बंजारे ढफली बजाकर हाल ही में बने  नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ प्रदर्शन करने लगी। राहगीर रुकते गये और भीड़ ऐसी जुटी कि यह एकाएक प्रदर्शन में तब्दील हो गया।


नेचर क्लब के सचिव, आम आदमी पार्टी के नेता प्रथमेश मिश्रा, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव, लॉ कॉलेज के विद्यार्थी इस चौक से गुजरते हुए रुके और आंदोलन में शामिल हो गये।

ढफली के साथ गाते हुए रोशनी बंजारे के नारे थे-हमें चाहिये आजादी, मोदी जी से आज़ादी, अमित शाह से आज़ादी। सीएबी से आज़ादी, एनआरसी से आज़ादी। लोगों के हाथ में जो पोस्टर दिखे उनमें लिखा था- हिन्दू मुस्लिम एक है…मोदी, शाह फेक है..।

आंदोलन में शामिल लोगों से जब बात की गई तो बताया गया कि यहां कौन-कौन रुक गये हैं, उनका हमें नाम मालूम ही नहीं। आये साथ में नारे लगाये और फिर चले गये।

www.bilaspurlive.com  से सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि इस स्व-स्फूर्त आंदोलन में  वे गुजरते हुए रुके। इन सजग लड़कियों और छात्रों का साथ देने का मुझे संतोष है। मुझे ऐसे किसी विरोध का पता नहीं था, पर समझ गया कि हमारे बिलासपुर शहर के युवा सजग और समर्थ हैं। सामाजिक कार्यकर्ता प्रथमेश मिश्रा ने कहा कि वे इस रास्ते से निकले और सही जगह संविधान निर्माता की प्रतिमा के सामने हो रहे प्रदर्शन को लेकर कौतूहल पैदा हो गया और छोटे-छोटे गत्ते पर बनाये गये मोदी-शाह के ख़िलाफ नारों का पोस्टर लेकर खड़े हो गये।

यह आंदोलन आज ही का था, या आगे चलेगा, पूछे जाने पर आंदोलनकारी रोशनी बंजारे ने कहा कि हमारा कोई संगठन नहीं है। हमने दो चार दोस्तों के साथ मिलकर अपनी अभिव्यक्ति सामने रखी है। आश्चर्य और प्रसन्नता की बात है कि राह चलते लोग भी रुककर हमारा साथ दे रहे हैं। यह शोर रोज होगा। हर शाम।

इस आंदोलन मे बड़ी संख्या में युवा छात्र-छात्राएं शामिल थीं। वे अपना नाम बताने के लिए बहुत उत्सुक नहीं थे। पर कुछ नाम ये रहे-दीपक वस्त्रकार, आमीर खान, अमीन खान, सुनील जाटव।

 

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