दोनों जिलों के परीक्षा केन्द्रों में 11 हजार 170 में से 8817 शामिल हुए

बिलासपुर। अम्बिकापुर की विजया कुसुम शायद 350 किलोमीटर की दूरी तय कर आज सुबह नीट की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाती। यह संभव हो पाया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर इन परीक्षार्थियों के लिये उपलब्ध कराई गई निःशुल्क परिवहन सेवा से जिसका लाभ आज सैकड़ों विद्यार्थियों ने उठाया।

कोरोना संकट के काल में नीट की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को आज अपने परीक्षा केन्द्र तक आने-जाने के लिये चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ी। बिलासपुर में जिला प्रशासन द्वारा उनके लिये बसों की व्यवस्था की गई थी। यहां से 35 विद्यार्थियों को गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले में बनाये गये परीक्षा केन्द्र में पहुंचाने व लाने के लिये तीन बसों की व्यवस्था की गई तथा प्रत्येक ब्लॉक मुख्यालय में भी बिलासपुर जिला मुख्यालय के परीक्षा केन्द्रों में लाने के लिये दो-दो बसों की व्यवस्था की गई। सभी बसों में कोविड-19 के सुरक्षा मानकों का पालन किया गया।

कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर के मार्गदर्शन में आज प्रातः राजेन्द्र नगर स्कूल से तीन वाहन गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले के मां कल्याणिका पब्लिक स्कूल मंडना तहसील गौरेला और डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल सारबहरा गौरेला में बनाये गये नीट के परीक्षा केन्द्रों में पहुंचाने के लिये 35 बच्चों को रवाना किया गया। परीक्षार्थियों के साथ उनके पालकों को भी वाहन में निःशुल्क आने-जाने की सुविधा दी गई।

इनमें से एक अम्बिकापुर की छात्रा विजया कुसुम भी थीं, जिसे शासन की व्यवस्था से बड़ी सुविधा हुई। उसका परीक्षा केन्द्र लगभग 350 किलोमीटर दूर  मंडना में था। विजया कुसुम ने बताया कि वह शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई बस की सुविधा से अपने पालक के साथ अम्बिकापुर से रात में ही बिलासपुर पहुंचकर रुक गई थी। यहां से भी आगे परीक्षा केन्द्र तक पहुंचने में उसे कोई परेशानी नहीं हुई क्योंकि सुबह उसके लिये बिलासपुर से शासन की ओर से ही बस उपलब्ध थी।

मूल रूप से सारंगढ़ के रहने वाले अवल किशोर वसंत को प्रतिभावान होने के कारण शासन की ओर से पढ़ाई व कोचिंग की सुविधा दी गई है। एक मजदूर के बेटे नवल किशोर के कहा कि शासन की ओर से पढ़ाई के लिये निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था नहीं की गई होती तो वह नीट परीक्षा में शामिल होने की कल्पना नहीं कर सकता था। जब उसे पता चला कि उसे परीक्षा देने के लिये लगभग 125 किलोमीटर दूर सारबहरा जाना है तो पहले वह चिंतित उठा, क्योंकि कोरोना संक्रमण के कारण परिवहन व्यवस्था भी सामान्य नहीं हो पाई है। इसी बीच उसे उनके टीचर और अखबारों से जब जानकारी मिली कि शासन की ओर से परीक्षा केन्द्र आने-जाने की निःशुल्क व्यवस्था की गई है तो उसे बड़ी खुशी हुई और वह निश्चिन्त होकर परीक्षा की तैयारी में लग गया। दोनों विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार माना।

देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिये नीट की संयुक्त प्रवेश परीक्षा आज आयोजित की गई थी। 11 हजार 170 परीक्षार्थियों के लिये बिलासपुर जिले में 31 व गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले में 2 परीक्षा केन्द्र बनाये गये थे। दोनों जिलों के परीक्षा केन्द्रों में 8817 परीक्षार्थी शामिल हुए।

रेलवे ने अनूपपुर-भोपाल के बीच चलाई स्पेशल ट्रेन

रेलवे जोन बिलासपुर के अंतर्गत तीनों मंडलों से नीट परीक्षार्थियों के लिये स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई। अनूपपुर-भोपाल-अनूपपुर के बीच कल शाम शाम चलाई गई ट्रेन में अनूपपुर से 100 , शहडोल से 266 तथा उमरिया से 07 सहित मंडल के तीनों स्टेशनों से कुल 373 यात्री सवार हुये।

स्टेशन में  कोरोना संक्रमण के रोकथाम हेतु सभी व्यवस्थाएं रेलवे प्रशासन द्वारा की गई थीं। सभी यात्रियों को सामाजिक दूरी के अनुपालन के साथ टिकट चेकिंग तथा सभी को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही स्टेशन में प्रवेश दिया गया ।  सभी ने रेलवे प्रशासन द्वारा की गई इस व्यवस्था की तारीफ की तथा खुशनुमा माहौल में अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। इस दौरान छात्रों की मदद के लिए पर्याप्त कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। रेलवे द्वारा आरक्षण नहीं करा पाए छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनका विशेष सहयोग करते हुए रेलवे नियमानुसार उनको BPT उपलब्ध कराई गई। जिससे वे अपने परीक्षा में शामिल होने से वंचित न हों। इसके लिए छात्रों व उनके अभिभावकों द्वारा रेलवे प्रशासन का आभार माना।

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