बिलासपुर। संभाग व जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए अलग-अलग जगहों पर रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) टेस्ट की सुविधा शुरू की जा रही है। एक अगस्त से यह सुविधा बिलासपुर स्थित सिम्स मेडिकल कॉलेज में शुरू की गई है। बिलासपुर में एक मार्च से 3 अगस्त के बीच लगभग 21,000लोगों का टेस्ट किया गया। इसमें 461 पुरुष व 226 महिलाओं सहित कुल 687 लोगों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
इसके बाद से यहां काफी संख्या में सैंपल पहुंच रहे थे। सैंपल का दबाव कम करने और अधिक तेजी से जांच को बढ़ाने के लिए तीन अगस्त को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा शुरू की गई। इससे पहले तक सरगुजा संभाग के सभी केस के टेस्ट सैंपल जांच के लिए बिलासपुर व रायपुर भेजे जा रहे थे। स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य निर्धारित करने के लिए बिलासपुर सहित सभी जिलों में पर्याप्त बिस्तरों के इंतजाम के निर्देश भी दिए हैं। इसके लिए यहां आर-टीपीसीआर विधि से जांच के साथ ही सभी जिलों में रैपिड एंटीजन किट से भी जांच की जा रही है।
बिलासपुर में आर-टीपीसीआर जांच की सुविधा न मिलने से काफी परेशानी हो रही थी। सैंपल दूसरे जगहों पर भेजने पड़ते थे। इससे टेस्ट रिपोर्ट आने में थोड़ी देर होती थी। बिलासपुर के सिम्स मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर की सुविधा शुरू होने से न सर्फ सैंपल का दबाव कम हुआ है, बल्कि जिले में कोविड-19 टेस्टके लिए सैंपलिंग का कार्य तेजी से होगा। बिलासपुर के बाद अब इस जांच की सुविधा प्रदेश में सात जगहों पर मिल रही है। एम्स रायपुर, डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल तथा रायगढ़ और जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में यह जांच पहले से होती रही है।
कोविड-19 की पहचान के लिए प्रदेश में अब तक लगभग3.25 लाख सैंपलों की जांच की जा चुकी है। आर-टीपीसीआर से शासकीय मेडिकल कॉलेजों में 2.58 लाख से अधिक और निजी लैबों के माध्यम से 1241 सैंपलों की जांच की गई है। शासकीय ट्रू-नाट लैबों में 25,148 और निजी क्षेत्र के ट्रू-नाट लैबों में 1905 सैंपलों की जांच हुई है।
सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने कहा कि हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों की सैंपलिंग करके कोविड-19 टेस्ट किया जाए। कोरोना की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग का पूरा अमला जमीनी स्तर पर काम कर रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here