सीबीआई के संयुक्त निदेशक ने सतर्कता जागरूकता पर दिया सीयू में व्याख्यान, छात्रों ने लगाई एकता के लिए दौड़

बिलासपुर । गुरु घासीदास विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया एवं सतर्कता जागरुकता कार्यशाला 31 अक्टूबर को आयोजित की गई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीबीआई छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश जोन के संयुक्त निदेशक रमनीश गीर थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता ने की। इस अवसर पर गुरु घासीदास मूर्ति स्थल से रजत जयंती सभागार तक एकता दौड़ का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र शामिल हुए।

एकता दौड़ सुबह 10 बजे गुरु घासीदास मूर्ति स्थल से प्रारंभ हुई जिसमें विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना व अध्ययनशालाओं के 490 स्वयंसेवक इसमें शामिल हुए। एकता दौड़ के दौरान प्रतिभागियों ने ईमादारी, सत्यनिष्ठा, राष्ट्रीय एकता एवं भ्रष्टाचार मुक्ति के नारे लगाए।

एकता दौड़ रजत जयंती सभागार पर समाप्त हुई।यहां राष्ट्रीय एकता दिवस एवं सतर्कता जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।  मंचस्थ अतिथियों का नन्हें पौधों से स्वागत किया गया। विश्वविद्यालय के मुख्य सतर्कता अधिकारी प्रो. एम.के. सिंह ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के दो ही तरीके हैं- पहला संस्था की कार्य प्रणाली का पूरी तरह डिजिटलीकरण एवं दूसरा बच्चों को जीवन मूल्यों के प्रति जागरुक करना। इसमें शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. एम.एन. त्रिपाठी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान के बारे में बताया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि आर.एल. खान, एस.पी., सी.बी.आई., रायपुर ने कहा कि छात्र-छात्राएं शिक्षकों का सम्मान करें, अधिकारी कर्मचारी नियमित समय पर कार्यालय में उपस्थित हों एवं सभी अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ निर्वहन करें।

विशिष्ट अतिथि साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी बी.पी. शर्मा ने कहा कि जीवनशैली में ईमानदारी लाकर भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सकती है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईपीएस रमनीश गीर ने कहा कि अच्छे राष्ट्र के निर्माण के लिए अच्छे नागरिकों की जरुरत पड़ती है। छात्रों को अच्छा नागरिक बनाने में विश्वविद्यालय के शिक्षक महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। भारत में गुप्त, मौर्य, मुगल आदि कई बड़े साम्राज्यों का आगमन हुआ और कुछ समय बाद उनका पतन भी हो गया, घमंड के कारण ऐसा हुआ। इसे देखते हुए बच्चों को गढ़ते हुए अच्छे संस्कारों का अंकुरण जरूरी है। अध्यापकों के आचरण एवं व्यवहार से छात्र सीखते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता ने कहा कि सरदार पटेल अजेय माने जाते हैं। जब हम ईमानदारी की बात करते हैं तो उसमें दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं भी शामिल हैं और हम स्वयं के साथ कितने ईमानदार हैं भी आता है। पटेल के सपने को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना प्रारंभ की गई है, जिसमें शिक्षण संस्थानों को एक दूसरे के साथ जोड़ा गया है। इनमें गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को गुजरात के साथ पेयर किया गया है। इस योजना के माध्यम से हमारे बच्चे गुजरात के इतिहास, कला, संस्कृति एवं लोक संस्कृति को समझ रहे हैं। वहीं गुजरात के छात्रों को छत्तीसगढ़ की संस्कृति, लोक कला एवं इतिहास को जानने समझने का मौका मिल रहा है।

इस अवसर पर 29 अक्टूबर को सतर्कता जागरुकता सप्ताह के अंतर्गत आयोजित निबंध एवं भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को मंचस्थ अतिथियों के द्वारा पुरस्कृत किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here