बिलासपुर (उस्मान कुरैशी)। लॉकडाउन के साथ बेमौसम बारिश और लॉकडाउन ने सब्जी उत्पादक किसानों की कमर तोडकर रख दी है। उनकी आंखों के सामने बाड़ी में सब्जियां खराब हो रही हैं। बेबस किसान सरकार और अपनी किस्मत को कोसने के अलावा और कुछ नहीं कर पा रहे है।

जिला प्रशासन के द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के चार दिन गुजर चुके है। बिक्री बंद होने के कारण बरबट्टी, तरोई, करेला,  डोडका लौकी, भिंडी,  लालभाजी का उत्पादन ले रहे किसान परेशान हैं। एक-एक पल उनके लिए भारी गुजर रहा है। बाड़ी में उनके सामने उनकी मेहनत से तैयार फसल खराब हो रही है। बाजार बंद,  शहर की सड़कें सूनी हैं साथ ही पुलिस के पहरे।  इनके पास सप्ताह भर तक अपनी सब्जियां बेचने का कोई विकल्प ही नहीं बचा है। दूसरी तरफ बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोडकर ही रख दी है।

करैहापारा रतनपुर निवासी किसान दुर्गा जलकारे अपने 10 एकड़ पैतृक जमीन पर सब्जी उगाते हैं। दुर्गा की बाड़ी में बरबट्टी और करेला की फसल निकल रही है। हर दूसरे दिन तैयार सब्जी के तोडने की पाली रहती है। लॉकडाउन की वजह से बाड़ी में ही उनकी फसल खराब हो रही है। बरबट्टी को तोडकर नहीं रख सकते। तोड़ने पर वह दूसरे दिन ही वह पैरा की तरह नरम हो जाती है। पौधों पर बने रहे तो गिलहरी उनके दानों को कुतरकर चट कर जा रहीं हैं। करेले तो पौधों पर ही पककर बिखर रहे हैं। ऊपर से हर रोज हो रही बारिश सब्जियों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद है। कडाई की वजह से गांव में भी घूमकर अपनी सब्जियां नहीं बेच पा रहे है। प्रशासन ने तो सब्जी उत्पादक किसानों के लिए कोई विकल्प ही नहीं छोड़ा है। इस इलाके का हर तीसरा आदमी सब्जी उत्पादक है। पतिराम, शत्रुहन, दिलीप, जहूर बेग, हसीन खां, दाऊद बेग आदि ऐसे ही किसान हैं जिनको बाड़ी से निकल रही सब्जी बाजार नहीं भेज पाने की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

 

 

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