बिलासपुर। जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग में जिला अधिवक्ता संघ ने अपने अशोभनीय और अतिरेकपूर्ण व्यवहार के लिए हाईकोर्ट से माफी मांग ली है। हाईकोर्ट ने अधिवक्ता संघ से कहा है कि वे अपनी इस सद्भावना को शपथ-पत्र के साथ पेश करें। मामले की सुनवाई अभी जारी रहेगी।

मालूम हो कि जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग के पुराने भवन में सुधार कार्य के लिए कुटुम्ब न्यायालय दुर्ग को अस्थायी रूप से स्थानांतरित किये जाने की कार्रवाई का जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग द्वारा बीते कुछ दिनों से विरोध किया गया था। इस दौरान आंदोलनकारियों के अशोभनीय एवं अतिरेकपूर्ण विरोध के सम्बन्ध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग की ओर से छत्तीसगढ़ उच्च-न्यायालय को पत्र द्वारा जानकारी दी। पत्र पर हाईकोर्ट ने 17 जनवरी 2020 को पुलिस महानिदेशक को आदेश जारी किया कि वह कोर्ट परिसर में विधि का शासन कायम रहे यह सुनिश्चित करें। कोर्ट ने दुर्ग के पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि वे दुर्ग जिले में न्यायालयों के संचालन में निर्बाध रूप से पर्याप्त तथा प्रभावी पुलिस सुरक्षा मुहैया कराए। आदेश में कहा गया कि न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों तथा इच्छुक अधिवक्ताओं, साक्षियों तथा न्यायालय में आने वाले पक्षकारों को पर्याप्त तथा प्रभावी सुरक्षा दी जाये। यदि कोई कानून हाथ में लेता है तथा संज्ञेय अपराध कारित करता है तथा इसकी सूचना दी  गई तो पुलिस एफआईआर दर्ज करे तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उद्घोषित विधि के अनुसार आगे की कार्रवाई करे।

यह भी देखेंः दुर्ग न्यायालय में आंदोलनकारी वकीलों के हंगामे को लेकर हाईकोर्ट सख्त, डीजीपी व कलेक्टर को कड़े निर्देश

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में दुर्ग के पुलिस महानिरीक्षक एवं अन्य पुलिस अधिकारी कानून व्यवस्था कायम करते हुए न्यायिक अधिकारियों तथा उनके वाहनों, इच्छुक अधिवक्ताओं, कर्मचारियों, पक्षकारों तथा साक्षीगणों के अबाध प्रवेश व निकासी सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा किसी को भी न्यायालय परिसर में नारे लगाने अथवा जुलूस निकालने अथवा धरना देने की अनुमति नहीं दी जायेगी। हाईकोर्ट ने कलेक्टर दुर्ग से कानून व्यवस्था के पुनः स्थापित हो जाने का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा था।

आज 21 जनवरी को इस मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। दुर्ग अधिवक्ता संघ की ओर से उपस्थित अधिवक्ता संदीप दुबे ने हाईकोर्ट से बिना शर्त क्षमा याचना की और आंदोलन के दौरान हुई घटना के लिए खेद प्रकट किया। उन्होंने बताया कि दुर्ग अधिवक्ता संघ ने आंदोलन को वापस ले लिया है। दुर्ग अधिवक्ता संघ न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। दुर्ग न्यायालय में कार्रवाई सुचारू रूप से चल रही है और ऐसे घटना की पुनरावृत्ति दुबारा नहीं होगी।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पी.आर रामचंद्र मेनन एवं पार्थ प्रतीम साहू की युगल पीठ ने दुर्ग अधिवक्ता संघ और उनके सदस्यों को निर्देश दिया है कि वे अपनी सद्भावना को प्रदर्शित करने के लिए शपथ पत्र प्रस्तुत करें। अगली सुनवाई 28 जनवरी को रखी गई है।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here