बिलासपुर। जगमल चौक में चल रहे राम कथा उत्सव का समापन बापू चिन्मयानंद के 39वें जन्मदिन को भव्य तरीके से मनाकर किया गया। प्रवचनकार बापू चिन्मयानंद ने कहा कि हमें राम की प्राप्ति के लिए समाज और परिवार से किसी का विरोध हो तो भी नहीं डिगना चाहिए।

उन्होने देवराज इंद्र द्वारा भरत मिलाप के विरोध और भरद्वाज मुनि द्वारा साधु संतों की ली गई परीक्षा का उदाहरण देते हुए कहा कि यह हमारे भजन की कसौटी होती है। प्रभु राम की आराधना में समाज के लोग यह घर परिवार का ही कोई सदस्य विरोध करने लगता है लेकिन हमें इसकी चिंता नहीं करते हुए हमें अपने आपको दृढ़ रखना चाहिए। यह समझ लेना चाहिए कि यह अब हम भगवान राम के दर्शन के समीप पहुंच चुके हैं।

परशुराम सेवा समिति और हिन्दू मंच बिलासपुर की ओर से 28 नवंबर से चल रहे इस राम कथा महोत्सव का समापन गुरु चिन्मयानंद का जन्मदिन भव्य तरीके से मनाकर किया गया। इस मौके पर जरूरतमंद परिवारों को अनाज व कपड़े दिये गये तथा बच्चों को पढ़ाई की सामग्री व बस्ते वितरित किये गये।

बापू चिन्मयानंद के जन्मदिवस पर एक कवि सम्मेलन भी रखा गया जिसमें कवि दिनेश बावरा, सुनील जोगी, पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे और पद्ममिनी शर्मा ने कविताओं का पाठ किया।

28 नवंबर से प्रारंभ हुई कथा का प्रतिदिन हजारों लोगों ने सुनकर भक्ति लाभ प्राप्त किया। आस्था टीवी चैनल पर भी प्रतिदिन इसका सीधा प्रसारण किया गया जिसे देश-दुनिया के लाखों लोगों ने देखा।

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