मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन ने प्रक्रिया रोकी

बिलासपुर। शहर के समीप कोनी में प्रस्तावित कैंसर हॉस्पिटल भवन निर्माण का टेंडर गड़बड़ियों में उलझ गया है। आरोप है कि पात्र ठेकेदार को प्रतिस्पर्धा से बाहर कर दिया गया और जिसके दस्तावेज अधूरे थे उनका टेंडर फाइनल कर दिया गया। स्वास्थ्य मंत्री और चीफ निविदा समिति से शिकायत होने के बाद वर्क ऑर्डर जारी करने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।

बिलासपुर में 40 एकड़ जमीन पर 115 करोड़ रुपये का कैंसर हॉस्पिटल सन् 2019 में मंजूर किया गया था। इसकी लागत केंद्र व राज्य सरकार मिलकर वहन कर रहे हैं। इसके भवन निर्माण के लिए छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन लिमिटेड ने 27 करोड़ रुपये की निविदा निकाली थी, जिसे 29 जुलाई 2022 तक ऑनलाइन जमा करना था। कुल 8 लोगों ने टेंडर जमा किया। शुक्रवार को जन्माष्टमी के दिन टेंडर खोला गया। इसमें चार ठेकेदारों को अपात्र घोषित कर दिया गया। इसकी सूचना अपात्र किए गए एक दावेदार अशोक कुमार मित्तल को भी ई मेल जरिये सूचना दी गई। शुक्रवार अवकाश के बाद शनिवार रविवार को भी छुट्टियां थीं। इसके बाद मित्तल ने सीजीएमएससी लिमिटेड के मुख्य अभियंता सुनील कुमार सिंह को इसकी शिकायत की। सिंह ने उनको बताया कि दस्तावेज में कांक्रीट मिक्सिंग के संबंध में जानकारी अधूरी है। मित्तल ने ऑनलाइन भरे गए दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि ये सभी नियमानुसार अपलोड किए गए हैं। बताया जाता है कि अधिकारियों ने माना कि मित्तल के दस्तावेज पूरे हैं, पर उन्होंने टेंडर खोलते समय इसे नहीं देख पाने की बात कही है। यह भी कहा है कि जिस ठेकेदार को पात्र बताया जा रहा है, उसके दस्तावेजों में कमी है, जिसकी निविदा समिति ने अनदेखी की है।

मित्तल ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और निविदा समिति से की है। चीफ इंजीनियर सिंह का कहना है कि अभी टेंडर फाइनल नहीं किया गया है। इसकी प्रक्रिया अभी चल रही है।

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