बिलासपुर। टूलकिट पोस्ट को लेकर दर्ज एफआईआर के खिलाफ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा की याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन से 3 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

ज्ञात हो कि दोनों भाजपा नेताओं के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में 19 मई को एफआईआर दर्ज की गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस का एक कथित पत्र पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस देश का माहौल खराब करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रही है। साथ ही विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने दुष्प्रचार और जलती लाशों की फोटो दिखा रही है। डॉ. संबित पात्रा ने भी इसी तरह से पोस्ट की थी। दोनों भाजपा नेताओं ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर इसे रद्द करने की मांग की है। याचिका में कहा गया कि जिस टूलकिट को लेकर अपराध दर्ज किया गया है वह पब्लिक डोमेन में मौजूद है। ऐसे में उनके विरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास की बेंच में इस मामले को लेकर करीब 3 घंटे तक बहस चली। डॉ. रमन सिंह तथा डॉ. पात्रा की ओर से राज्यसभा सदस्य और अधिवक्ता महेश जेठमलानी, विवेक शर्मा और गैरी मुखोपाध्याय ने तथा शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा व अभिषेक सिंघवी ने पक्ष रखा। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार से 3 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के लिए कहा।

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