हाइटेक प्रजाति के बांस का दो हेक्टेयर क्षेत्र में किया गया पौधारोपण

बिलासपुर। गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्ववि,द्यालय में 19 अक्टूबर को वानिकी, वन्यजीव एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय में निर्माणाधीन आईटी के विभागों के भवनों के समीप हाईटेक बांस पौधारोपण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।

उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल रहे। मंचस्थ अतिथियों में विशिष्ट अतिथि डीएफओ कुमार निशांत एवं कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव उपस्थित थे। इस परियोजना की मुख्य अन्वेषक डॉ. भावना दीक्षित एवं डॉ. गुंजन पाटिल हैं।

मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि कार्बन फुटप्रिंट को कम करने एवं बायो डायवर्सिटी सुदृढ़ बनाने की जिम्मेदारी हमारी है। हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय के मास्टर प्लान में पूर्व निर्धारित क्षेत्र के अतिरिक्त वर्टिकल एक्सपेंशन किया जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा वनक्षेत्र विकसित एवं सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के शोधार्थी केंन्द्रीय विश्वविद्यालय के वानिकी विभाग में शोध हेतु आएंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक बिलासपुर शहर को स्वच्छता मिशन के अंतर्गत नंबर एक बनाने का प्रयास करेंगे।

विशिष्ट अतिथि कुमार निशांत ने कहा कि इस परियोजना पर पिछले पांच-छह महीनों से निरंतर कार्य जारी है। वानिकी विभाग के शिक्षक एवं वन विभाग दोनों मिलकर इस बैंबू प्लांटेशन के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिसमें आज हमें सफलता प्राप्त हुई। यह परियोजना अगले चार वर्ष तक जारी रहेगी। हमें इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के आधार पर वन क्षेत्र के क्षेत्रफल में वृद्धि करना है जिससे इसके आंकड़े जुटाने में सहूलियत हो। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वानिकी विभाग के शोधार्थी एवं छात्र वनक्षेत्र के डाटा कलेक्शन में सहयोग कर सकते हैं।

इस बैंबू प्लांटेशन का रखरखाव वन विभाग करेगा। इसे प्रदेश के आदर्श बैंबू प्लांटेशन एरिया के रूप में विकसित किया जाएगा। कुमार ने आश्वासन दिया कि प्रदेश के विभिन्न पांच वन क्षेत्रों में शोधार्थियों को शोध कार्यों के संपादन हेतु स्थान भी प्रदान करने का प्रस्ताव जल्द ही भेजा जाएगा। बांस की जिन चार प्रजातियों का रोपण किया गया उनमें बेंबूसा टूल्डा, बेंबूसा बालकोआ, बेंबूसा म्यूटेंस एवं बेंबूसा वेट्रीकोआ शामिल हैं।

इससे पूर्व डॉ. भावना दीक्षित ने परियोजना से जुड़े विभिन्न तकनीकी पहलूओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव सहित प्राकृतिक संसाधन विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. एस.एस. सिंह, वानिकी, वन्य जीव एवं पर्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. के.के. चंद्रा एवं वन विभाग के एसडीओ श्री सुनील बच्चन ने अपने विचार विचार रखे। छात्रों ने विभिन्न बैंबू आर्ट का प्रदर्शन किया गया।

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