यात्री को भुसावल में हिरासत में लिये जाने पर मामला खुला

बिलासपुर। रेलवे यात्री को फर्जी तत्काल टिकट बनाकर देने के मामले में बिलासपुर रेलवे स्टेशन की तीन महिला बुकिंग क्लर्क को संस्पेंड कर दिया गया है। मामले का खुलासा तब हुआ जब यात्री को भुसावल में आरपीएफ ने हिरासत में लिया।

जांजगीर चाम्पा के ग्राम कैथा के भागीरथी विश्वकर्मा (26 वर्ष) ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन के काउन्टर नंबर 3 पर रात 10.40 बजे गीतांजली एक्सप्रेस से कल्याण (महाराष्ट्र) जाने के लिये तत्काल श्रेणी का टिकट कटाया। वह जब नागपुर पहुंच गये तो उसी बर्थ पर एक अन्य सवारी ने पहुंचकर अपनी जगह मांगी। भागीरथ विश्वकर्मा ने टिकट दिखाकर बताया कि यह बर्थ उनकी है और यह सीट कल्याण तक के लिये बुक है। नागपुर के यात्री ने भी अपनी टिकट दिखाकर बताया कि उसे भी यही बर्थ मिली है। इसके चलते उनके बीच विवाद बढ़ गया और मामला ट्रेन में मौजूद आरपीएफ तक पहुंचा। नागपुर के सवारी का पीएनआर नंबर और बर्थ नंबर नागपुर स्टेशन में जारी चार्ट पर दिखाई दे रहा था, लेकिन भागीरथी का नाम नहीं था। इस पर फर्जी टिकट रखने के संदेह में आरपीएफ ने उसे भुसावल में उतारकर हिरासत में ले लिया। आगे तहकीकात की गई तो पता चला कि यात्री ने टिकट काउन्टर से ही खरीदी थी। इस मामले में लापरवाही काउन्टर से टिकट जारी करने वाली क्लर्को से हुई है। मालूम हुआ कि तीन नंबर के काउन्टर पर उस रात डी. निहारिका राव ड्यूटी कर रही थी। उसका अपना आई डी काम नहीं कर रहा था तब उसने बगल के काउन्टर पर बैठी पी. सीमा की आई डी इस्तेमाल कर टिकट निकाल कर दे दी। ड्यूटी पूरी होने के बाद उन्होंने कैशियर निम्मी सोना के पास राशि जमा कर दी। निम्मी सोना ने अपनी ड्यूटी के बाद पैसे गिने तो रकम कुछ अधिक मिली। अतिरिक्त राशि उसने अपने दराज में ही छोड़ दिया और बाकी रकम ऑफिस के कैश बॉक्स में जमा करा दी। दूसरे दिन दोनों क्लर्कों से जानकारी लेने के बाद अतिरिक्त राशि को भी उसने जमा करा दिया।

यह पाया गया कि तत्काल टिकट काटते समय बर्थ की स्थिति नहीं देखी गई। सीट खाली हुए बिना ही यात्री को दे दी गई। सीनियर डीसीएम पुलकित सिंघल ने तीनो क्लर्कों को कार्य में लापरवाही बरतने का कारण बताते हुए निलम्बित किया है।

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